नियम एवं शर्तें - Pratapgarh Samachar

Breaking

नियम एवं शर्तें


पाठक कृपया निम्नलिखित नियम एवं शर्तों को सावधानीपूर्वक पढ़ें। यह प्रकाशक और पाठक के मध्य कानूनी रूप से समझौते की शर्तों को निर्धारित करता है।
परिचय 

यह निम्नलिखित उन नियमों और शर्तों को निर्धारित करता है, जिनके आधार पर प्रतापगढ़ समाचार पर न्यूज़ प्रकाशित की जाती है। यहाँ पर सभी सेवाओं को प्रतापगढ़ समाचार कंटेंट सर्विसेस के रूप में संदर्भित किया जाएगा।

पंजीकरण प्रवेश और उपयोग 
हम प्रतापगढ़ समाचार पर जो कि एक डिजिटल मंच है, पंजीकरण कर उपयोगकर्ता, लेखक, मास मीडिया के विद्यार्थी अथवा नागरिक पत्रकार  का स्वागत करते हैं। 

हमारे द्वारा वर्तमान में  प्रदान की जा रही सुविधाएँ अथवा सेवाएं और नियमों में कभी भी बदलाव किया जा सकता है।  सभी बदलाव को नियम और शर्तों के पृष्ठ पर अपडेट किया जाएगा और मौजूदा उपयोगकर्ताओं को ईमेल के माध्यम से सूचित भी किया जाएगा। पंजीकरण सेवाएं केवल व्यक्तिगत सब्सक्राइबर्स के लिए दी जाती है।

सत्यता की पुष्टी 
जैसा कि आपको आपको ज्ञात है कि हम नागरिक पत्रकारिता का स्वागत करते है। अर्थात पाठक हमें अपने क्षेत्र या प्रतापगढ़ से जुडी किसी भी प्रकार की ख़बरों को हमें भेज सकते है। हम ख़बरों की सत्यता का पुष्टी के बाद हमारे वेबसाइट पर प्रकाशित करते है। हालाकि भेजे गए समाचार में किसी भी प्रकार के दावों की सत्यता की पुष्टी को समर्थन प्रतापगढ़ समाचार नहीं करता और न ही जिम्मेदारी लेता हैं। किसी भी खबर की क़ानूनी पुष्टि हम नहीं करते हैं, खबर लोगो द्वारा बताई गई बातों पर निर्भर होती है।  

प्रतिलिप्याधिकार
प्रतापगढ़ समाचार पर प्रकाशित होने वाली सभी सामग्रियां, लेख मौलिक है, जिनका स्वामित्व हम रखते है। हमारे किसी भी सामग्री को किसी भी माध्यम में तोड़-मरोड़ कर पेश करने अथवा कॉपी करने, या अन्य मीडियम में प्रकाशित  करने का अधिकार एवं अनुमति नहीं देते है। 

भुगतान विवरण
प्रतापगढ़ समाचार पर दी जाने वाली खबरे एवं सेवाएं पुर्णतः नि:शुल्क है। यहाँ पर समाचार प्रकाशित करने के लिए किसी भी प्रकार की धनराशि की मांग नहीं करता। 

विधि और न्यायक्षेत्र का विकल्प 
किसी भी प्रकार के वाद-विवाद के लिए न्याय क्षेत्र प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश होगा। 

रद्दीकरण नीति
प्रतापगढ़ समाचार के किसी भी नियम एवं शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर हम सदस्य या उपयोगकर्ता की सदस्यता अथवा पंजीकरण कभी भी समाप्त कर सकता है। किसी भी मामलों की गंभीरता देखते हुए क़ानूनी कार्यवाई भी किया जा सकता है।